आज लोग ज्यादा इमई पर भरोसा कर रहे हैं पर, पहले चिठ्ठी पिन कोड एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता था। जिसके द्वारा सा काम - काज हुआ करता था। राहत जो दूर हो उन्हें हर तरह के विचारों का आदान प्रदान प्रदान के माध्यम से ही पूरा होता था
फिर चाहे वो किसी भी विषय में हो।
यह कामकाजी पत्र हो सकता है या फिर संबंधियों से उनके हाल-चाल जानने वाला हो सकता है।
हर एरिया का अपना एक 6 अंक का नंबर होता है जिससे वह पिन एरिया की सही जानकारी देता है। जिससे पोस्ट ऑफिस का पता लगता है और पोस्ट ऑफिस का काम सही तरीके से होता है। जैसे हमारा कोरियर आसानी से हमारे पास आ जाता है। पिन कोड एक विशेष स्थान को दर्शाता है, यह कोड हर स्थान का अलग अलग होता है जिससे हम आसानी से हर जगह का पता लगा सकते हैं।
आइए जानते हैं पिन कोड का पूर्ण रूप
पिन कोड की शुरुआत 15 अगस्त 1972 को हुई थी। पिन कोड का फूल फॉर्म- पोस्टल इंडेक्स नंबर होता है।
P- postal
I- index
N- number
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